समझ की ही तो बात है November 08, 2019 • Abhinav Goyal समझ की ही तो बात है, न हो तो सुधार होता कैसे? रिश्तों की कड़वाहट मीठी बनती कैसे?प्रेम, भावना, संस्कार को अपनाते,दिल जीतते चलते है |दुनिया की वाहा- वाही से,कदम-दर-कदम आगे बढ़ते है |अपने आप के साथ साथ,ख्याल अपनों का भी तो करते है |इन ऊंचाइयों को छूने में,समझ का ही तो हाथ है,समझ की ही तो बात है |